NIOS| TMA ASSIGNMENT| HINDI (301)| SOLVED PAPER – (2023-24)| SENIOR SECONDARY

 

NIOS| TMA ASSIGNMENT| HINDI (301)| SOLVED PAPER – (2023-24)| SENIOR SECONDARY

ASSIGNMENT (TMA) - 2023-24
हिन्दी
(301)
शिक्षक अंकित मूल्यांकन-पत्र
कुल अंक: 20

 

निर्देश:

(i) सभी प्रश्नों के उत्तर देने अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।

(ii) उत्तरपुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर अपना नाम, अनुक्रमांक, अध्ययन केन्द्र का नाम और विषय स्पष्ट शब्दों में लिखिए।

 

1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए। 2

(क) कबीर की गुरु-महिमा पर टिप्पणी कीजिए तथा आज के संदर्भ में गुरु-शिष्य संबंध पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए। (पाठ-1 देखें)

उत्तर:- कबीर ने गुरु की महानता का वर्णन करते हुए कहा है कि गुरु की शक्ति से सभी दुख-दर्द मिट जाते हैं। वे बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें रामानंद जैसे गुरु मिले। गुरु भगवान से भी बड़े हैं क्योंकि वे भगवान तक पहुँचने का रास्ता बताते हैं। कबीर कहते हैं कि अगर गुरु और गोविंद दोनों ही उनके सामने हों तो वे गोविंद (भगवान) से पहले गुरु को नमन करेंगे। कबीर ने गुरु को सबसे बड़ा, सबसे महत्वपूर्ण और अद्वितीय स्थान दिया है। उन्होंने गुरु सेवा को भक्ति का आवश्यक साधन बताया है और बार-बार कहा है कि सद्गुरु को भक्ति लानी चाहिए। कबीर कहते हैं कि गुरु उस भ्रामरी (तितली) के समान है जो निरंतर ध्यान का अभ्यास कराकर कीट को भी भ्रामरी यानी तितली बना देता है। अगर हम आज के संदर्भ में गुरु-शिष्य के रिश्ते पर विचार करें तो यह रिश्ता आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना पहले था। गुरु शिष्य को ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करता है जबकि शिष्य गुरु की आज्ञा का पालन करके अपने जीवन को सफल बनाता है। आज के दौर में गुरु-शिष्य का रिश्ता भले ही थोड़ा बदल गया हो, लेकिन इसका महत्व कम नहीं हुआ है। आज के गुरु अपने शिष्यों को ज्ञान के साथ-साथ जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं। वे अपने शिष्यों को सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास प्रदान कर सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ाते हैं।

(ख) निराला की कविता 'वह तोड़ती पत्थर' को पढ़कर आपके मन में मजदूर वर्ग के प्रति कौन - कौन से विचार प्रकट होते हैं। संक्षेप में प्रस्तुत कीजिए। (पाठ-2 देखें)

उत्तर:- निराला की कविता 'वो तोड़ती पत्थर' मजदूर वर्ग के प्रति निम्नलिखित विचारों को दर्शाती है:-

(i) मजदूर वर्ग की कठिन जीवनशैली: कविता में एक मजदूर महिला को दिखाया गया है जो अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पत्थर तोड़ती है। इससे मजदूर वर्ग की कठिन जीवनशैली और कड़ी मेहनत का अहसास होता है।

(ii) शोषण और अन्याय की शिकार: कविता में मजदूर महिला को शोषण और अन्याय की शिकार दिखाया गया है। उसके पास न तो पर्याप्त भोजन है और न ही उचित कपड़े। यह मजदूर वर्ग के साथ हो रहे अन्याय को दर्शाता है।

(iii) सामाजिक असमानता: कविता में मजदूर महिला की स्थिति को देखकर लगता है कि सामाजिक असमानता व्याप्त है। एक वर्ग जहां बेहद अमीर है, वहीं दूसरा वर्ग बेहद गरीब है। यह असमानता को दर्शाता है।

(iv) आर्थिक असमानता: कविता में मजदूर महिला की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। वह अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पत्थर तोड़ती है। यह मजदूर वर्ग की आर्थिक असमानता को दर्शाता है।

(v) मजदूर वर्ग के प्रति सहानुभूति: कविता में मजदूर महिला के प्रति कवि की सहानुभूति प्रकट होती है। वे मजदूर वर्ग की कठिन परिस्थिति से परिचित हैं तथा उनके प्रति दया और सहानुभूति महसूस करते हैं।

इस प्रकार निराला की कविता 'वो तोड़ती पत्थर' मजदूर वर्ग की कठिन जीवन शैली, शोषण और अन्याय, सामाजिक असमानता, आर्थिक विषमता तथा मजदूर वर्ग के प्रति कवि की सहानुभूति को उजागर करती है।

2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए। 2

(क) 'दो कलाकार' कहानी में मानव सेवा को महत्वपूर्ण क्यों बताया गया है? तर्कसहित उत्तर दीजिए। (पाठ-11 देखें)

उत्तर:- 'दो कलाकार' कहानी में मानव सेवा को महत्वपूर्ण बताया गया है, क्योंकि लेखिका मन्नू भंडारी ने इस कहानी के माध्यम से दिखाया है कि असली कलाकार वह होता है, जिसमें कला के प्रति समर्पण ही नहीं, बल्कि मानवीय गुणों का विकास भी हो। कहानी में अरुणा का चरित्र इसका उदाहरण है। अरुणा गरीब बच्चों की शिक्षा और समाज सेवा में लगी रहती है, जबकि चित्रा केवल अपनी कला में ही लीन रहती है। लेखिका ने दिखाया है कि अरुणा जैसे मानवीय गुणों वाले लोग ही असली कलाकार होते हैं, क्योंकि वे कला का उपयोग मानव कल्याण के लिए करते हैं। इसलिए कहानी में मानव सेवा को महत्वपूर्ण माना गया है।

(ख) 'जिजीविषा की विजय' में प्रो. रघुवंश की उन दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जिनसे आप सर्वाधिक प्रभावित हैं। (पाठ-4 देखें)

उत्तर:- 'जिजीविषा की विजय' में प्रो. रघुवंश की दो मुख्य विशेषताएँ मुझे सबसे अधिक प्रभावित करती हैं:-

(i) उनकी आत्मीयता और तटस्थ दृष्टि: लेखक ने प्रो. रघुवंश के व्यक्तित्व को बहुत ही आत्मीयता और तटस्थ भाव से प्रस्तुत किया है। उनकी जीवनशैली और व्यक्तित्व में कितनी शुचिता पाई जाती है, इसका उल्लेख किया है। इससे प्रो. रघुवंश के चरित्र का स्पष्ट और प्रभावशाली चित्रण होता है।

(ii) उनकी अथक मेहनत और लेखन कौशल: प्रो. रघुवंश की एक और मुख्य विशेषता उनकी अथक मेहनत और लेखन कौशल है। अपने हाथों की गंभीर शारीरिक अक्षमता के बावजूद, वे लगातार लिखते रहते थे, चाहे वह पैरों से या मुँह से कलम पकड़कर ही क्यों न हो। इससे उनकी लेखन प्रतिभा और दृढ़ इच्छाशक्ति का पता चलता है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए। 2

(क) 'कुटज' की किन्हीं दो विशेषताओं को अपने शब्दों में प्रस्तुत कीजिए। (पाठ-14 देखें)

उत्तर:- कुटज की दो विशेषताएँ:-

कुटज (होलारेना एंटीडिसेंटरिका) एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, जिसकी निम्नलिखित दो विशेषताएँ हैं:

(i) औषधीय गुण: कुटज की छाल, पत्तियों और फूलों में कई प्रकार के रसायन पाए जाते हैं, जिनका उपयोग कई प्रकार के रोगों के उपचार में किया जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से आंतों के रोगों, जैसे दस्त और अमीबिक पेचिश के उपचार में किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग मलेरिया, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों के उपचार में भी किया जाता है।

(ii) आसान उपलब्धता: कुटज भारत के विभिन्न भागों में आसानी से पाया जाने वाला एक स्थानीय पौधा है। यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है और आमतौर पर घने जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों में उगता है। इसकी उपलब्धता और स्थानीय उपयोग के कारण, इसे एक महत्वपूर्ण देशी औषधीय पौधा माना जाता है।

(ख) 'सतपुड़ा के घने जंगल' कविता के आधार पर प्रकृति की शोभा का वर्णन कीजिए। (पाठ-6 देखें)

उत्तर:- कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने अपनी कविता 'सतपुड़ा के घें जंगल' में प्रकृति की विविधता और सौंदर्य का बहुत ही सुन्दर चित्रण किया है। कवि ने जंगल की गहराई, शांति और जीवंतता का वर्णन किया है:-

(i) जंगल में ऊंची-नीची झाड़ियाँ चुपचाप खड़ी हैं, घास और नरकट भी चुप हैं, पलाश भी चुप है। यह शांत और सुन्दर दृश्य कवि को आकर्षित करता है।

(ii) जंगल में अनेक नदियाँ और नाले बहते हैं और अनगिनत कहानियाँ कहते हैं। कवि इन जंगली जीवों से डरने के बजाय उनके साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने की सलाह देता है।

(iii) प्रकृति की भयावहता के साथ-साथ कवि ने उसकी कोमलता, सुंदरता और जीवंतता का भी वर्णन किया है। उसके लिए प्रकृति एक साथी और प्रेमिका की तरह है जो हर पल उसके साथ रहती है।

इस तरह कवि ने अपनी कविता 'सतपुड़ा के घें जंगल' में प्रकृति की विविधता, शांति और सौंदर्य का सुन्दर चित्रण प्रस्तुत किया है।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए। 4

(क) पठित पाठ के आधार पर जयशंकर प्रसाद की राष्ट्रीय चेतना का उल्लेख कीजिए। (पाठ-4 देखें)

(ख) यक्ष-युधिष्ठिर संवाद में अनेक दार्शनिक प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं। किन्हीं चार का उल्लेख अपने शब्दों में कीजिए। (पाठ-18 देखें)


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