IGNOU ASSIGNMENT, BUSINESS ORGANISATION AND MANAGEMENT (BCOC - 132), SOLVED PAPER – (2024 - 25)| (B.COM) (GENERAL/ CBCS)| HINDI MEDIUM

 

IGNOU ASSIGNMENT, BUSINESS ORGANISATION AND MANAGEMENT (BCOC - 132), SOLVED PAPER – (2024 - 25)| (B.COM) (GENERAL/ CBCS)| HINDI MEDIUM

TUTOR MARKED ASSIGNMENT
 
COURSE CODE: BCOC-132
COURSE TITLE:  BUSINESS ORGANISATION AND MANAGEMENT
ASSIGNMENT CODE: BCOC-132/ TMA/ 2024-25
COVERAGE: ALL BLOCKS
Maximum Marks: 100

अध्यापक जांच सत्रीय कार्य
 
पाठ्यक्रम का कोड: बी. सी. ओ. सी. - 132
पाठ्यक्रम का शीर्षक: व्यावसायिक संगठन और प्रबंध
सत्रीय कार्य का कोड: बी.सी.ओ.सी.-132/टी. एम. ए. / 2024 - 25
खण्डों की संख्या: सभी खण्ड
अधिकतम अंक: 100

 

सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।


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खण्ड – क

(सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न 10 अंक के हैं।)

 

1. आज के समय में टेक्नोलॉजी ने व्यापार को कैसे प्रभावित किया है और इसके क्या फायदे हैं? 10

उत्तर:- आज व्यवसाय पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव गहरा और बहुआयामी है, जो संचालन को नया आकार देता है, दक्षता बढ़ाता है और विकास के नए अवसर पैदा करता है।

यहाँ मुख्य रूप से बताया गया है कि प्रौद्योगिकी ने व्यवसाय प्रथाओं को किस तरह प्रभावित किया है और इससे क्या लाभ हुए हैं:-

(i) उत्पादकता और दक्षता में वृद्धि: प्रौद्योगिकी ने नियमित कार्यों को स्वचालित करके उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार किया है। स्वचालन उपकरण कर्मचारियों को अधिक जटिल समस्या-समाधान और निर्णय लेने पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देते हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में परिचालन दक्षता का अनुकूलन होता है। उदाहरण के लिए, व्यवसाय अब लेखांकन, पेरोल और इन्वेंट्री प्रबंधन को संभालने के लिए सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं, जो प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है और परिचालन लागत को कम करता है।

(ii) उत्पादों और सेवाओं में नवाचार: तकनीकी प्रगति ने नवाचार को बढ़ावा दिया है, जिससे व्यवसायों को नए उत्पाद और सेवाएँ विकसित करने में मदद मिली है जो बदलती ग्राहक आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। फिनटेक क्षेत्र इसका एक उदाहरण है, जहाँ ब्लॉकचेन और मोबाइल भुगतान जैसी तकनीकों ने वित्तीय सेवाओं को बदल दिया है। पेपाल और स्क्वायर जैसी कंपनियों ने सुरक्षित और कुशल भुगतान समाधान प्रदान करने के लिए इन नवाचारों का लाभ उठाया है, यह प्रदर्शित करते हुए कि कैसे प्रौद्योगिकी रचनात्मकता और ग्राहक-केंद्रित पेशकशों को बढ़ावा देती है।

(iii) बेहतर ग्राहक अनुभव: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों ने ग्राहक इंटरैक्शन में क्रांति ला दी है। उदाहरण के लिए, Amazon का अनुशंसा इंजन ग्राहक व्यवहार का विश्लेषण करने के लिए AI का उपयोग करता है, जो व्यक्तिगत खरीदारी अनुभव प्रदान करता है जो ग्राहक जुड़ाव और वफादारी को बढ़ाता है। वैयक्तिकरण का यह स्तर अब विभिन्न उद्योगों में मानक बन रहा है, जिससे ग्राहक संतुष्टि और प्रतिधारण में वृद्धि हुई है।

(iv) डेटा एनालिटिक्स और निर्णय लेना: विशाल मात्रा में डेटा एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने की क्षमता ने निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को बदल दिया है। व्यवसाय अब ग्राहक व्यवहार, बाजार के रुझान और परिचालन दक्षताओं में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए बड़े डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर सकते हैं। यह डेटा-संचालित दृष्टिकोण कंपनियों को अपनी मार्केटिंग रणनीतियों को तैयार करने और उत्पाद पेशकशों को बेहतर बनाने की अनुमति देता है, जो अंततः विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है।

(v) वैश्विक बाजार पहुंच: प्रौद्योगिकी ने वैश्विक बाजारों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना दिया है, जिससे सभी आकार के व्यवसाय अपने स्थानीय क्षेत्रों से परे ग्राहकों तक पहुंच सकते हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म छोटे स्टार्टअप को भी पारंपरिक भौगोलिक बाधाओं को तोड़ते हुए और बाजार के अवसरों का विस्तार करते हुए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देते हैं।

(vi) बेहतर संचार और सहयोग: आधुनिक संचार उपकरणों ने व्यवसायों के आंतरिक और बाह्य रूप से बातचीत करने के तरीके में क्रांति ला दी है। ज़ूम और माइक्रोसॉफ्ट टीम्स जैसे प्लेटफ़ॉर्म टीमों के बीच वास्तविक समय के सहयोग की सुविधा प्रदान करते हैं, चाहे वे कहीं भी हों। यह टीमवर्क को बढ़ाता है और प्रोजेक्ट पूरा करने में तेज़ी लाता है, जिससे व्यवसाय बाज़ार में होने वाले बदलावों पर तेज़ी से प्रतिक्रिया कर सकते हैं।

(vii) रिमोट वर्किंग क्षमताएँ: तकनीक के उदय ने रिमोट वर्किंग को सक्षम बनाया है, जिससे कर्मचारियों और व्यवसायों दोनों के लिए लचीलापन उपलब्ध हुआ है। यह क्षमता विशेष रूप से हाल की वैश्विक घटनाओं के मद्देनजर तेज़ी से महत्वपूर्ण हो गई है, जिससे संगठनों को नई कार्य स्थितियों के अनुकूल होने के साथ-साथ संचालन बनाए रखने की अनुमति मिलती है।

(viii) लागत में कमी: तकनीक को लागू करने से व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण लागत बचत हो सकती है। प्रक्रियाओं को स्वचालित करके और दक्षता में सुधार करके, कंपनियाँ श्रम लागत को कम कर सकती हैं और त्रुटियों को कम कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त, क्लाउड कंप्यूटिंग और अन्य प्रौद्योगिकियाँ व्यवसायों को भौतिक अवसंरचना में पर्याप्त पूंजी निवेश की आवश्यकता के बिना संचालन को बढ़ाने की अनुमति देती हैं।

निष्कर्ष:-

संक्षेप में, तकनीक ने उत्पादकता बढ़ाकर, नवाचार को बढ़ावा देकर, ग्राहक अनुभव में सुधार करके और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाकर व्यवसाय परिदृश्य को बदल दिया है। उन्नत तकनीकों का एकीकरण न केवल संचालन को सुव्यवस्थित करता है, बल्कि तेजी से डिजिटल होती दुनिया में विकास और प्रतिस्पर्धी लाभ के लिए नए रास्ते भी खोलता है। जैसे-जैसे व्यवसाय इन परिवर्तनों के अनुकूल होते जाएंगे, वैसे-वैसे जो व्यवसाय प्रभावी रूप से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएंगे, वे भविष्य में सफलता के लिए बेहतर स्थिति में होंगे।

2. सार्वजनिक उद्यमों में संगठन के रूप क्या हैं? प्रत्येक संगठन की विशेषताएँ बताइये। 10

उत्तर:- सार्वजनिक उद्यम सरकार के स्वामित्व वाले और संचालित संगठन हैं, जो आवश्यक सेवाएँ प्रदान करके अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सार्वजनिक उद्यमों में संगठन के रूपों को तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: विभागीय उपक्रम, वैधानिक निगम और सरकारी कंपनियाँ। प्रत्येक रूप की अलग-अलग विशेषताएँ होती हैं जो इसके संचालन और शासन को प्रभावित करती हैं।

(i) विभागीय उपक्रम:-

विशेषताएँ:-

(a) सरकार के साथ एकीकरण: विभागीय उपक्रम एक सरकारी मंत्रालय का हिस्सा होते हैं और उस मंत्रालय के विस्तार के रूप में कार्य करते हैं। वे अलग-अलग कानूनी संस्थाएँ नहीं हैं।

(b) प्रबंधन: इन उद्यमों का प्रबंधन सीधे सरकारी अधिकारियों, आम तौर पर सिविल सेवकों द्वारा किया जाता है, और वे संबंधित मंत्रालय के प्रति जवाबदेह होते हैं।

(c) वित्तपोषण: उन्हें सीधे सरकारी खजाने से वित्तपोषित किया जाता है, और उनके राजस्व को भी वापस उसी में जमा किया जाता है।

(d) नियंत्रण और जवाबदेही: वे सख्त सरकारी नियमों के तहत काम करते हैं और अन्य सरकारी विभागों की तरह ही लेखा और लेखा परीक्षा नियंत्रण के अधीन होते हैं।

(e) उदाहरण: आम उदाहरणों में भारतीय रेलवे और डाक सेवा शामिल हैं।

लाभ और हानि:-

लाभ: उच्च सार्वजनिक उत्तरदायित्व, सरकार द्वारा प्रत्यक्ष नियंत्रण, तथा संचालन में सुरक्षा।

नुकसान: लचीलेपन की कमी, राजनीतिक हस्तक्षेप की संभावना, तथा नौकरशाही प्रक्रियाओं के कारण अक्षमताएँ।

(ii) सांविधिक निगम:-

विशेषताएँ:-

(क) कानूनी स्थिति: सांविधिक निगमों की स्थापना संसद के एक विशेष अधिनियम द्वारा की जाती है, जिससे उन्हें एक अलग कानूनी पहचान मिलती है तथा मुकदमा करने या मुकदमा चलाने की क्षमता मिलती है।

(ख) परिचालन स्वतंत्रता: विभागीय उपक्रमों की तुलना में उन्हें परिचालन लचीलेपन का उच्च स्तर प्राप्त होता है, जिससे उन्हें अपने संस्थापक अधिनियम द्वारा दी गई शक्तियों के भीतर अपनी नीतियाँ बनाने की अनुमति मिलती है।

(ग) वित्तपोषण: ये निगम आमतौर पर स्व-वित्तपोषित होते हैं तथा अपने संचालन के लिए सरकारी वित्तपोषण पर निर्भर नहीं होते।

(घ) उदाहरण: बीबीसी तथा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) सांविधिक निगमों के उदाहरण हैं।

लाभ और हानि:-

लाभ: अधिक स्वायत्तता, कम सरकारी हस्तक्षेप, तथा संचालन में लचीलापन।

नुकसान: सरकारी विनियमनों के अधीन, भ्रष्टाचार की संभावना, तथा नौकरशाही निगरानी के कारण निर्णय लेने में देरी।

(iii) सरकारी कंपनी:-

विशेषताएँ:-

(a) निगमन: सरकारी कंपनियों को कंपनी अधिनियम के तहत निगमित किया जाता है तथा उनके कम से कम 51% शेयर सरकार के पास होने चाहिए।

(b) प्रबंधन संरचना: वे निजी कंपनियों की तरह काम करती हैं, लेकिन सरकार के स्वामित्व में होती हैं। उनके पास अपना स्वयं का निदेशक मंडल होता है तथा वे कंपनी अधिनियम के प्रावधानों द्वारा शासित होती हैं।

(c) वित्तीय स्वतंत्रता: ये कंपनियाँ अपना स्वयं का राजस्व उत्पन्न कर सकती हैं तथा इन्हें सीधे सरकारी खजाने से वित्त पोषित नहीं किया जाता है।

(d) उदाहरण: एयर इंडिया तथा भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) उल्लेखनीय उदाहरण हैं।

लाभ तथा हानियाँ:-

लाभ: कानूनी पहचान, प्रबंधन में स्वायत्तता, तथा निजी उद्यमों की तरह संचालन करने की क्षमता।

नुकसान: अभी भी सरकारी निगरानी, ​​संभावित अक्षमताओं, तथा जनता के प्रति जवाबदेही के अधीन हैं।

संक्षेप में, सार्वजनिक उद्यमों में संगठन के प्रत्येक रूप की अपनी अनूठी विशेषताएँ होती हैं जो उनके शासन, परिचालन लचीलेपन और जवाबदेही तंत्र को निर्धारित करती हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के संचालन की प्रभावशीलता और दक्षता का मूल्यांकन करने के लिए इन रूपों को समझना आवश्यक है।

3. केन्द्रीकरण एवं विकेन्द्रीकरण से आप क्या समझते हैं? विकेन्द्रीकरण के क्या फायदे और नुकसान हैं? 10


[जल्द ही पूरी जानकारी उपलब्ध होगी]

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